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ध्यान (बौद्ध धर्म)

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ध्यान (संस्कृत) या झान (पालि) का अर्थ भारतीय धर्मों में वही है जिसको अंग्रेजी में 'मेडिटेशन' कहते हैं। आज की भागदौड़ से भारी जिंदगी में हर व्यक्ति अपने मानसिक तनाव से परेशान है। इस प्रकार की परिस्थितियों में व्यक्ति के मानसिक विकार की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जो बहुत ही नुकसानदायक है। मानसिक विकार के लिए एलोपैथिक व आयुर्वेदीक दवाइयाँ उपलब्ध है परन्तु उनसे भी इनका इलाज संभव नहीं है। मेडिटेशन एक ऐसा जरिया है जिसकी सहायता से आप अपने मानसिक विकारों को हमेशा के लिए खत्म कर सकते है।

मैडिटेशन क्या हैं?

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आज के समय में यह तो सभी जानना चाहते है की मेडिटेशन कैसे करे? परन्तु क्या आप जानते है की मेडीशन होता क्या है? यदि नहीं तो हम आपको बताते है। जिस प्रकार शरीर के गंदा होने पर हम नहाते है जिससे वह साफ हो जाता है, उसी प्रकार मेडिटेशन करने से हमारे मन व मस्तिसक की गंदगी साफ हो जाती है। रोज मर्रा की स्ट्रेस भरी जिंदगी हमारे मस्तिसक व मन पर अधिक प्रभाव डालती है। इन प्रकार की परेशानियों से बचने के लिए हमें हमारे मानसिक स्थिति को स्तर रखने की आवश्यकता होती है तथा मेडिटेशन हमारे मानसिक स्थिति को शांत व स्थिर रखने का ही जरिया है।

कुछ ज़रूरी बातें

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मैडिटेशन निरंतर चलने वाली एक प्रक्रिया है। इसमें समय का लगना निश्चित है। मैडिटेशन के प्रारम्भिक दिनों में आपको ध्यान लगाने में समस्याएं होंगी परन्तु समय के साथ आप अपने ब्राहमक विचारों को रोकने में समर्थ हो जायेंगे। निरंतर प्रयास करने से आपका ध्यान लगेगा तथा आपको एक नई ऊर्जा का आभास होगा। आप प्रारंभ में 5 से 10 मिनट का मैडिटेशन करके भी इसकी शुरुआत कर सकते है तथा इसके बाद धीरे-धीरे इसका समय बढ़ते जाएं।

आप सभी को बता दें की प्रारंभ में आपको मैडिटेशन में ध्यान लगाने में 15 से 20 दिन का समय भी लग सकता है परन्तु इसके बाद आपको एक नई ऊर्जा का आभास होगा जो आपके जीवन में बदलाव के रूप में दिखाई देंगी।